भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
अध्याय ६ :
दस्तावेजी साक्ष्य द्वारा मौखिक साक्ष्य के अपवर्जन (रोकना / हटाया जाना) के विषय में :
धारा ९४ :
दस्तावेजों के रुप में लेखबद्ध संविदाओं, अनुदानों तथा संपत्ति के अन्य व्ययनों (निपटना / व्यवस्था करना) के निबंधनों (पद / जो मंजूर करना प्रस्तावित है) का साक्ष्य :
जबकि किसी संविदा के या अनुदान के या संपत्ति के किसी अन्य व्ययन के निबंधन दस्तावेज के रुप में लेखबद्ध कर लिए गए हों तब, तथा उन सब दशाओं में, जिनमें विधि द्वारा अपेक्षित है कि कोई बात दस्तावेज के रुप में लेखबद्ध की जाए, ऐसी संविदा, अनुदान या संपत्ति के अन्य व्ययन के निबंधनों के या ऐसी बात के साबित किए जाने के लिए स्वयं उस दस्तावेज के सिवाय, या उन दशाओं में जिनमें एतस्मिनपूर्व अन्तर्विष्ट उपबंधों के अधीन द्वितीयक साक्ष्य ग्राह्य है, उसकी अंतर्वस्तु के द्वितीयक साक्ष्य के सिवाय, कोई भी साक्ष्य नहीं दिया जाएगा ।
अपवाद १ :
जबकि विधि द्वारा यह अपेक्षित है कि किसी लोक ऑफिसर की नियुक्ती लिखित रुप में हो और जब यह दर्शित किया गया है कि किसी विशिष्ट व्यक्ति ने ऐसे ऑफिसर के नाते कार्य किया है तब उस लेख का, जिसके द्वारा वह नियुक्त किया गया था, साबित किया जाना आवश्यक नहीं है ।
अपवाद २ :
जिन विलों का भारत में प्रोबेट (प्रमाणित इच्छापत्र / वसियतनामा) मिला है, वे प्रोबेट द्वारा साबित की जा सकेंगी ।
स्पष्टीकरण १ :
यह धारा उन दशाओं को जिनमें निर्दिष्ट संविदाएँ, अनुदान या संपत्ति के व्ययन एक ही दस्तावेज में अंतर्विष्ट है तथा उन दशाओं को, जिनमें वे एक से अधिक दस्तावेजों में अन्तर्विष्ट है, समान रुप में लागू है ।
स्पष्टीकरण २ :
जहाँ कि ऐक से अधिक मूल है, वहाँ केवल ,एक मूल साबित करना आवश्यक है ।
स्पष्टीकरण ३ :
इस धारा में निर्दिष्ट तथ्यों से भिन्न किसी तथ्य का किसी भी दस्तावेज में कथन, उसी तथ्य के बारे में मौखिक साक्ष्य की ग्राह्यता का प्रवारण नहीं करेगा ।
दृष्टांत :
(a) क) यदि कोई संविदा कई पत्रों में अन्तर्विष्ट है, तो वे सभी पत्र, जिनमें वह अन्तर्विष्ट है, साबित करने होंगे ।
(b) ख) यदि कोई संविदा किसी विनिमय-पत्र में अन्तर्विष्ट है, तो वह विनिमय-पत्र साबित करना होगा ।
(c) ग) यदि विनिमय-पत्र तीन परतों में लिखित है, तो केवल एक को साबित करना आवश्यक है ।
(d) घ) (बी) से कतिपय (कुछ) निबंधनों पर (ऐ) नील के परिदान के लिए लिखित संविदा करता है । संविदा इस तथ्य का वर्णन करती है कि (बी) ने (ऐ) को किसी अन्य अवसर पर मौखिक रुप से संविदाकृत अन्य नील का मूल्य चुकाया था । मौखिक साक्ष्य पेश किया जाता है कि अन्य नील के लिए कोई संदाय नहीं किया गया । यह साक्ष्य ग्राह्य है ।
(e) ङ) (बी) द्वारा दिए गए धन की रसीद (बी) को ऐ देता है । संदाय (भुगतान किया गया) करने का मौखिक साक्ष्य पेश किया जाता है । यह साक्ष्य ग्राह्य है ।