भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा ८८ :
विदेशी न्यायिक अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियों के बारे में उपधारणा :
१) न्यायालय यह उपधारित कर सकेगा कि ऐसे किसी देश के, जो भारत के बाहर न्यायिक अभिलेख की प्रमाणित प्रति तात्पर्यित होने वाली कोई दस्तावेज असली और शुद्ध है, यदि वह दस्तावेज किसी ऐसी रीति से प्रमाणित हुई तात्पर्यित हो जिसका न्यायिक अभिलेखों की प्रतियों के प्रमाणन के लिए उस देश में साधारणत: काम में लाई जाने वाली रीति होना ऐसे देश में या के लिए केन्द्रीय सरकार के किसी प्रतिनिधि द्वारा प्रमाणित है ।
२) जो ऑफिसर ऐसे किसी राज्यक्षेत्र या स्थान के लिए, जो भारत के बाहर , साधारण खण्ड अधिनियम, १८९७ (१८९७ का १०) की धारा ३ के खण्ड (४३) में यथा परिभाषित राजनैतिक अभिकर्ता है, वह इस धारा के प्रयोजनों के लिए केन्द्रीय सरकार का उस देश में, और उस देश के लिए प्रतिनिधि समझा जाएगा जिसमें वह राज्य क्षेत्र या स्थान समाविष्ट है ।