भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा ६८ :
जब किसी भी अनुप्रमाणक साक्षी का पता न चले, तब सबूत :
यदि ऐसे किसी अनुप्रमाणक साक्षी का पता न चल सके तो यह साबित करना होगा कि कम से कम एक अनुप्रमाणक साक्षी का अनुप्रमाण उसी के हस्तलेख में है, तथा यह कि दस्तावेज का निष्पादन करने वाले व्यक्ति का हस्ताक्षर उसी व्यक्ति के हस्तलेख में है ।