भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १५ :
न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश का कार्य :
जो कोई बात, न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश द्वारा ऐसी किसी शक्ती के प्रयोग में की जाती है, जो या जिसके बारे में उसे सद्भावपूर्वक विश्वास है कि वह उसे विधि द्वारा दी गई है ; वह अपराध नहीं है ।