Bsa धारा ४१ : हस्तलेख और डिजिटल हस्ताक्षर के बारे में राय कब सुसंगत है :

भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा ४१ :
हस्तलेख और डिजिटल हस्ताक्षर के बारे में राय कब सुसंगत है :
१) जबकि न्यायालय को राय बनानी हो कि कोई दस्तावेज किसी व्यक्ति ने लिखि या हस्ताक्षरित की थी, तब उस व्यक्ति के हस्तलेख से, जिसके द्वारा वह लिखी या हस्ताक्षरित की गई अनुमानित की जाती है, परिचित किसी व्यक्ति की यह राय कि वह उस व्यक्ति द्वारा लिखी या हस्ताक्षरित की गई थी अथवा लिखी या हस्ताक्षरित नहीं की गई धी, सुसंगत तथ्य है ।
स्पष्टीकरण :
कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के हस्तलेख से परिचित तब कहा जाता है, जबकि उसने उस व्यक्ति को लिखते देखा है या जबकि स्वयं अपने द्वारा या अपने प्राधिकार के अधीन लिखित और उस व्यक्ति को संबोधित दस्तावेज के उत्तर में उस व्यक्ति द्वारा लिखी हुई तात्पर्यित होने वाली दस्तावेजें प्राप्त की है, या जबकि कारबार के मामूली अनुक्रम में उस व्यक्ति द्वारा लिखी हुई तात्पर्यित होने वाली दस्तावेजें उसके समक्ष बराबर रखी जाती रही है ।
दृष्टांत :
प्रश्न यह है कि क्या अमुक पत्र ईटानगर के एक व्यापारी (ऐ) के हस्तलेख में है । (बी) बंगलूरु में एक व्यापारी है जिसने (ऐ) को पत्र संबोधित किए है तथा उसके द्वारा लिखे हुए तात्पर्यित होने वाले पत्र प्राप्त किए है । (सी), (बी) का लिपिक है, जिसका कर्तव्य (बी) के पत्र व्यवहार को देखना और फाइल करना था । (बी) का दलाल (डी) है जिसके समक्ष (ऐ) द्वारा लिखे गए तात्पर्यित होने वाले पत्रों को उनके बारे में उससे सलाह करने के लिए (बी) बराबर रखा करता था । (बी), (सी) और (डी) की इस प्रश्न पर राय कि क्या वह पत्र (ऐ) के हस्तलेख में है सुसंगत है, यद्यपि न तो (बी) ने, न (सी) ने , न (डी )ने, (ऐ) को लिखते हुए कभी देखा था ।
२) जब न्यायालय को किसी व्यक्ति के इलेक्ट्रानिक चिन्हक के बारे में राय बनानी हो, तब उस प्रमाणकर्ता प्राधिकारी की राय, जिसने इलेक्ट्रानिक चिन्हक प्रमाणपत्र जारी किया है, सुसंगत तथ्य है ।

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