भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ५०९ :
धारा १८३ या धारा ३१६ के उपबंधों का अननुपालन (न पालन करना ) :
१) यदि कोई न्यायालय, जिसके समक्ष अभियुक्त व्यक्ति की संस्वीकृति या अन्य कथन, जो धारा १८३ या धारा ३१६ के अधीन अभिलिखित है या अभिलिखित होना तात्पर्यित है, साक्ष्य में दिया जाता है या लिया जाता है, इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि कथन अभिलिखित करने वाले मजिस्ट्रेट द्वारा इन धाराओं में से किसी धारा के किसी उपबंध का अनुपालन नहीं किया गया है तो वह, भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३ की धारा ९४ में किसी बात के होते हुए भी, ऐसे अननुपालन के बारे में साक्ष्य ले सकता है और यदि उसका वह समाधान हो जाता है कि ऐसे अननुपालन से अभियुक्त की, गुणागुण विषयक बातों पर अपनी प्रतिरक्षा करने में कोई हानि नहीं हुई है और उसने अभिलिखित कथन सम्यक् रुप से किया था, तो ऐसे कथन को ग्रहण कर सकता है ।
२) इस धारा के उपबंध अपील, निर्देश और पुनरिक्षण न्यायालयों को लागू होते है ।