भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४९३ :
प्रतिभू के दिवालिया हो जाने या उसकी मृत्यु हो जाने या बंधपत्र का समपहरण हो जाने कि दशा में प्रक्रिया :
जब इस संहिता के अधीन जमानतपत्र का कोई प्रतिभू दिवालिया हो जाता है या मर जाता है अथवा जब किसी बंधपत्र का धारा ४९१ के उपबंधो के अधीन समपहरण हो जाता है तब वह न्यायालय, जिसके आदेश से ऐसा बंधपत्र लिया गया था या प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट उस व्यक्ति को, जिसस ऐसी प्रतिभूति मांगी गई थी, यह आदेश दे सकता है कि वह मूल आदेश के निदेशों के अनुसारा नई प्रतिभूति दे और यदि ऐसी प्रतिभूति न दी जाए दो वह न्यायालय या मजिस्ट्रेट ऐसे कार्यवाही कर सकता है मानो उस मूल आदेश के अनुपालन में व्यतिक्रभ किया गया है ।