भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४४८ :
मामलों और अपीलों को अंतरित करने की सेशन न्यायाधीश की शक्ति :
१) जब कभी सेशन न्यायाधीश को यह प्रतीत कराया जाता है कि न्याय के उद्देश्यों के लिए यह समीचीन है कि इस उपधारा के अधीन आदेश दिया जाए, तब वह आदेश दे सकता है कि कोई विशिष्ट मामला उसके सेशन खण्ड में एक दण्ड न्यायालय से दूसरे दण्ड न्यायालय को अंतरित कर दिया जाए ।
२) सेशन न्यायाधीश निचले न्यायालय की रिपोर्ट पर या किसी हितबद्ध पक्षकार के आवेदन या स्वप्रेरणा पर कार्रवाई कर सकता है ।
३) धारा ४४७ की उपधारा (३), (४), (५), (६), (७) और (९) के उपबंध इस धारा की उपधारा (१) के अधीन आदेश के लिए सेशन न्यायाधीश को आवेदन के संबंध में वैसे ही लागू होंगे जैसे वे धारा ४४७ की उपधारा (१) के अधीन आदेश के लिए उच्च न्यायालय को आवेदन के संबंध में लागू होते है, सिवाय इसके कि उस धारा की उपधारा (७) इस प्रकार लागू होगी मानो उसमें आने वाले राशी शब्द के स्थान पर दस हजार अनधिक रुपए शब्द रख दिए गए है ।