भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३८७ :
माफी मांगने पर अपराधी का उन्मोचन :
जब किसी न्यायालय ने किसी अपराधी को कोई बात, जिसे करने की उससे विधिपूर्वक अपेक्षा की गई थी, करने से इंकार करने या उसे न करने के लिए या साशय कोई अपमान करने या विघ्न डालने के लिए धारा ३८४ के अधीन दण्डीत किए जाने के लिए न्यायनिर्णीत किया है या धारा ३८५ के अधीन विचारण के लिए मजिस्ट्रेट के पास भेजा है, तब वह न्यायालय अपने आदेश या अपेक्षा के उसके द्वारा मान लिए जाने पर या उसके द्वारा ऐसे माफी मांगे जाने पर, जिससे न्यायालय का समाधान हो जाए, स्वविवेकानुसार अभियुक्त को उन्मोचित कर सकता है या दण्ड का परिहार कर सकता है ।