भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा २८१ :
कुछ मामलों में कार्यवाही रोक देने की शक्ति :
परिवाद से भिन्न आधार पर संस्थित किसी समन-मामलें में कोई प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट, अथवा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की पूर्व मंजूरी से कोई अन्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ऐसे कारणों से , जो उसके द्वारा लेखबद्ध किए जाएंगे, कार्यवाही को किसी भी प्रक्रम में कोई निर्णय सुनाए बिना रोक सकता है और जहाँ मुख्य साक्षियों के साक्ष्य को अभिलिखित किए जाने के पश्चात् इस प्रकार कार्यवाहियाँ रोकी जाती है वहाँ दोषमुक्ति का निर्णय सुना सकता है और किसी अन्य दशा में अभियुक्त को छोड सकता है और ऐसे छोडने का प्रभाव उन्मोचन होगा ।