भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा २१३ :
अपराधों को सेशन न्यायालयों द्वारा संज्ञान (विचारण) :
इस संहिता द्वारा या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि द्वारा अभिव्यक्त रुप से जैसा उपबंधित है उसके सिवाय, कोई सेशन न्यायालय आरंभिक अधिकारिता वाले न्यायालय के रुप में किसी अपराध का सज्ञान तब तक नहीं करेगा जब तक मामला इस संहिता के अधीन मजिस्ट्रेट द्वारा उसके सुपुर्द नहीं कर दिया गया है ।