भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १८९ :
जब साक्ष्य अपर्याप्त हो तब अभियुक्त का छोडा जाना :
यदि इस अध्याय के अधीन अन्वेषण पर पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को यह प्रतीत होता है कि ऐसा पर्याप्त साक्ष्य या संदेह का उचित आधार नहीं है जिससे अभियुक्त को मजिस्ट्रेट के पास भेजना न्यायानुमत है तो ऐसा अधिकारी उस दशा में जिसमें वह व्यक्ति अभिरक्षा में है उसके द्वारा जैसा ऐसा अधिकारी निर्दिष्ट करे, यह बंधपत्र या जमानतपत्र निष्पादित करने पर उसे छोड देगा कि यदि और जब अपेक्षा की जाए तो और तब वह ऐसे मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होगा जो पुलिस रिपोर्ट पर ऐसे अपराध का संज्ञान करने के लिए, और अभियुक्त का विचारण करेन या उसे विचारणार्थ सुपुर्द करने के लिए सशक्त है ।