भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १५७ :
व्यक्ति जिसके विरुद्ध धारा १५२ के अधीन आदेश दिया गया है, वहां कारण दर्शित करने के लिए प्रक्रिया :
१) यदि वह व्यक्ति, जिसके विरुद्ध धारा १५२ के अधीन आदेश दिया गया है, हाजिर है और आदेश के विरुद्ध कारण दर्शित करता है तो मजिस्ट्रेट उस मामले में उस प्रकार साक्ष्य लेगा जैसे समन मामले में लिया जाता है ।
२) यदि मजिस्ट्रेट का यह समाधान हो जाता है कि आदेश या तो जैसा मूलत: किया गया था उस रुप में या ऐसे परिवर्तन के साथ, जिसे वह आवश्यक समझे, युक्तियुक्त और उचित है तो वह आदेश, यथास्थिती, परिवर्तन के बिना या ऐसे परिवर्तन के सहित अंतिम कर दिया जाएगा ।
३) यदि मजिस्ट्रेट का ऐसा समाधान नहीं होता है तो उस मामले में आगे काई कार्यवाही नहीं की जाएगी :
परन्तु इस धारा के अधीन प्रक्रियाएं नब्बे दिनों की अवधि के भीतर यथाशीघ्र पूरी होगी जो लिखित कारणों को अभिलिखित करते हुए एक सौ बीस दिनों तक विस्तारित की जा सकेगी ।