Bnss धारा १४० : प्रतिभुओं (जमानत) को अस्वीकार करने की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १४० :
प्रतिभुओं (जमानत) को अस्वीकार करने की शक्ति :
१) मजिस्ट्रेट किसी पेश किए गए प्रतिभू को स्वीकार करने से इन्कार कर सकता है या अपने द्वारा, या अपने पूर्ववर्ती द्वारा, इस अध्याय के अधीन पहले स्वीकार किए गए किसी प्रतिभू को इस आधार पर अस्वीकार कर सकता है कि ऐसा प्रतिभू जमानतपत्र के प्रयोजनों के लिए अनुपयुक्त व्यक्ति है :
परन्तु किसी ऐसे प्रतिभू को इस प्रकार स्वीकार करने से इन्कार करने या उसे अस्वीकार करने के पहले वह प्रतिभू की उपयुक्तता के बारे में या तो स्वयं शपथ पर जाँच करेगा या अपने अधीनस्थ मजिस्ट्रेट से ऐसी जाँच और उसके बारे में रिपोर्ट करवाएगा ।
२) ऐसा मजिस्ट्रेट जाँच करने के पहले प्रतिभू को और ऐसे व्यक्ती को, जिसने वह प्रतिभू पेश किया है, उचित सूचना देश और जाँच करने में अपने सामने दिए गए साक्ष्य के सार को अभिलिखित करेगा ।
३) यदि मजिस्ट्रेट को अपने समक्ष या उपधारा (१) के अधीन प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट के समक्ष ऐसे दिए गए साक्ष्य पर और ऐसे मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट पर (यदि कोई हो ), विचार करने के पश्चात् समाधान हो जाता है कि वह प्रतिभू जमानतपत्र के प्रयोजनों के लिए अनुपयुक्त व्यक्ति है तो वह उस प्रतिभू को यथास्थिति, स्वीकार करने से इन्कार करने का या उसे अस्वीकार करने का आदेश करेगा और ऐसा करने के लिए अपने कारण अभिलिखित करेगा :
परन्तु किसी प्रतिभू को, जो पहले स्वीकार किया जा चुका है, अस्वीकार करने का आदेश देने के पहले मजिस्ट्रेट अपना समन या वारण्ट, जिसे वह ठिक समझे, जारी करेगा और उस व्यक्ति को, जिसके लिए प्रतिभू आबद्ध है, अपने समक्ष हाजिर कराएगा या बुलवाएगा ।

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