भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा २० :
अभियोजन निदेशालय :
१) राज्य सरकार,-
(a) क) राज्य में एक अभियोजन निदेशालय जिसमें एक अभियोजन निदेशक और कई अभियोजन उपनिदेशक हो सकेगें; और
(b) ख) प्रत्येक जिले में जिला अभियोजन निदेशालय में उतने अभियोजन उप निदेशक और सहायक निदेशक शामिल होंगे,
जितने वह उचित समझे, स्थापित कर सकेगी ।
२) कोई व्यक्ति,-
(a) क) अभियोजन निदेशक या अभियोजन उप निदेशक के रुप में नियुक्ती के लिए केवल तभी पात्र होगा यदि वह अधिवक्ता के रुप में कम-से कम पंद्रह वर्ष तक विधि व्यवसाय में रहा है; और
(b) ख) अभियोजन सहायक निदेशक के रुप में नियुक्ति के लिए तभी पात्र होगा यदी वह अधिवक्ता के रुप में कम से कम सात वर्ष तक विधि व्यवसाय में रहा हो या प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट रहा हो ।
३) अभियोजन निदेशालय का प्रधान अभियोजन निदेशक होगा, जो राज्य में गृह विभाग के प्रधान के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कृत्य करेगा ।
४) प्रत्येक अभियोजन उपनिदेशक या सहायक निदेशक अभियोजन निदेशक के अधीनस्थ (निम्न) होगा और प्रत्येक अभियोजन सहायक निदेशक अभियोजन उपनिदेशक के अधीनस्थ होगा ।
५) राज्य सरकार द्वारा, यथास्थिति, धारा १८ की, उपधारा (३) या उपधारा (८) के अधीन उच्च न्यायालयों में मामलों का संचालन करने के लिए नियुक्त किया गया प्रत्येक लोक अभियोजक, अपर लोक अभियोजक और विशेष लोक अभियोजक, अभियोजन निदेशक के अधीनस्थ होगा ।
६) राज्य सरकार द्वारा, धारा १८ की, उपधारा (३) या उपधारा (८) के अधीन जिला न्यायालयों में मामलों का संचालन करने के लिए नियुक्त किया गया प्रत्येक लोक अभियोजक, अपर लोक अभियोजक और विशेष लोक अभियोजक, और जो धारा १९ की उपधारा (१) के अधीन नियुक्त किया गया प्रत्येक सहायक लोक अभियोजक, जो अभियोजन उप निदेशक या सहाय्यक निदेशक के अधीनस्थ होगा ।
७) कार्यवाही में तेजी लाने और अपील दायर करने पर राय देने के लिए, अभियोजन निदेशक की शक्तियां और कार्य उन मामलों का मानीटर करना होगा जिनमें अपराध दस साल या उससे अधिक के लिए दंडनीय है, या आजीवन कारावास या मौत की सजा हो ।
८) अभियोजन उप निदेशक की शक्तियां और कृत्य ऐसे मामलों में जिनमें अपराध सात वर्ष या उससे अधिक के लिए दंडनीय है, किन्तु दस वर्ष से कम हो, त्वरित निपटान को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस रिपोट की परीक्षा करना और संपरिक्षा करना तथा मानीटर करना होगा ।
९) सहायक अभियोजन निदेशक के कृत्य ऐसे मामलों का मानीटर करना होगा, जिनमें कोई अपराध सात वर्ष से कम के लिए दंडनीय है ।
१०) उपधारा (७), उपधारा (८) और उपधारा (९) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी अभियोजन का निदेशक, उप निदेशक या सहायक निदेशक इस संहिता के अधीन सभी कार्रवाइयों के लिए संव्यवहार करने की शक्ति होगी और उसके लिए दायी होंगे ।
११) अभियोजन निदेशक, अभियोजन उप निदेशक और सहाय्यक निदेशक की अन्य शक्तियां और कृत्य और वह क्षेत्र जिसके लिए प्रत्येक अभियोजन उपनिदेशक नियुक्त किया गया है वह होगा जिसे राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा निर्दिष्ट करे ।
१२) लोक अभियोजनक के कृत्यों का पालन करने में, इस धारा के उपबंध राज्य के महाधिवक्का को लागू नहीं होंगे ।