Ipc धारा ४७३ : अन्यथा दण्डनीय कूटरचना करने के आशय से कूटकृत मुद्रा, आदि का बनाना या कब्जे में रखना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४७३ :
अन्यथा दण्डनीय कूटरचना करने के आशय से कूटकृत मुद्रा, आदि का बनाना या कब्जे में रखना :
(See section 341(2) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : भारतीय दंड संहिता की धारा ४६७ के अन्यथा दंडनीय कूटरचना करने के आशय से, मुद्रा, पट्टी, आदि बनाना या उनकी कूटकृति करना अथवा किसी ऐसी मुद्रा, पट्टी, आदि को, उसे कूटकृत जानते हुए, वैसे आशय से अपने कब्जे में रखना ।
दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट (राज्य संशोधन, मध्यप्रदेश : सेशन न्यायालय) ।
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जो कोई किसी मुद्रा, पट्टी या छाप लगाने के अन्य उपकरण को इस आशय से बनाएगा, या उसकी कूटकृति करेगा, कि उसे कोई ऐसी कूटरचना करने के प्रयोजन के लिए उपयोग में लाया जाए, जो धारा ४६७ से भिन्न इस अध्याय की किसी धारा के अधीन दण्डनीय है, या इस आशय से किसी ऐसी मुद्रा, पट्टी या अन्य उपकरण को, उसे कूटकृत जानते हुए अपने कब्जे में रखेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
राज्य संशोधन :
मध्यप्रदेश :
धारा ४७३ के अधीन अपराध सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है ।

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