भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४३१ :
लोक सडक, पुल, नदी या जलसरणी को क्षति पहुंचाकर रिष्टि :
(See section 326(b) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : लोक सडक, पुल, नाव्य नदी अथवा नाव्य जल सरणी को क्षति पहुंचाने और उसे यात्रा या संपत्ति प्रवहण के लिए अगम्य या कम निरापद बना देने द्वारा रिष्टि ।
दण्ड :पाँच वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी ऐसे कार्य के करने द्वारा रिष्टि करेगा, जिससे किसी लोक सडक, पुल, नाव्य नदी, या प्राकृतिक या कृत्रिम नाव्य जलसरणी को यात्रा या संपत्ति प्रवहन के लिए अगम्य या कम निरापद बना दिया जाए या बना दिया जाना वह संभाव्य जानता हो, वह दोनो में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि पाँच वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से , या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।