भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४३० :
सिंचन संकर्म को क्षति करने या जल को दोषपूर्वक मोडने द्वारा रिष्टि :
(See section 326(a) of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : कृषिक प्रयोजनों, आदि के लिए जल प्रदाय में कमी कारित करने द्वारा रिष्टि ।
दण्ड :पाँच वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह व्यक्ति, जिसे हानि या नुकसान हुआ है ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी ऐसे कार्य के करने द्वारा रिष्टि करेगा, जिससे कृषिक प्रयोजनों के लिए, या मानव प्राणियों के या उन जीवजन्तुओं के , जो संपत्ति है, खाने या पीने के, या सफाई के या किसी विनिर्माण को चलाने के जलप्रदाय में कमी कारित होती हो, या कमी कारित होना वह संभाव्य जानता हो वह दोनों में से किसी भांति कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि पाँच वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।