भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ४०० :
डाकुओं की टोली का होने के लिए दण्ड :
(See section 313 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : अभ्यासत: डकैती करने के प्रयोजन से सहयुक्त व्यक्तियों की टोली का होना ।
दण्ड :आजीवन कारावास,या दस वर्ष के लिए कठिन कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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जो कोई इस अधिनियम के परित होने क पश्चात् किसी भी समय ऐसे व्यक्तीयों की टोली का होगा, जो अभ्यासत: डकैती करने के प्रयोजन से सहयुक्त हों, वह १.(आजीवन कारावास) से, या कठिन कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
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१. १९५५ के अधिनियम सं० २६ की धारा ११७ और अनुसूची द्वारा आजीवन निर्वासन के स्थान पर प्रतिस्थापित ।