भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३६९ :
दस वर्ष से कम आयु के शिशु के शरीर पर से चोरी (संपत्ति) करने के आशय से उसका व्यपहरण या अपहरण :
(See section 97 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी शिशु के शरीर पर से सम्पत्ति लेने के आशय से उस शिशु का व्यपहरण या अपहरण ।
दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोइ दस वर्ष से कम आयु के किसी शिशु का इस आशय से व्यपहरण या अपहरण करेगा कि ऐसे शिशु के शरीर पर से कोई जंगम सम्पत्ति बेईमानी से ले ले, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।