भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३६६ क :
१.(अप्राप्तवय (अवयस्क) लडकी का उपापन ( प्राप्ति / दलाली) :
(See section 96 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : अप्राप्तवय लडकी का उपापन ।
दण्ड :दस वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :सेशन न्यायालय ।
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जो कोई अठारह वर्ष से कम आयु की अप्राप्तवय (अवयस्क) लडकी को किसी अन्य व्यक्ती से अयुक्त संभोग करने के लिए विवश या विलुब्ध करने के आशय से तद्द्वारा विवश या विलुब्ध किया जाएगा यह संभाव्य जानते हुए ऐसी लडकी को किसी स्थान से जाने को या कोई करने को किसी भी साधन द्वारा उत्प्रेरित करेगा, वह कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।)
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१. १९२३ के अधिनियम सं० २० की धारा ३ द्वारा अन्त:स्थापित ।