भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा ३५७ :
किसी व्यक्ती का सदोष परिरोध करने के प्रयत्नों में हमला या आपराधिक बल का प्रयोग :
(See section 135 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध करने के प्रयत्न में हमला या आपराधिक बल का प्रयोग ।
दण्ड :एक वर्ष के लिए कारावास, या एक हजार रुपए का जुर्माना, या दानों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह व्यक्ति जिस पर हमला किया गया या जिस पर बल का प्रयोग किया गया था ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी व्यक्ती पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग उस व्यक्ती का सदोष परिरोध करने का प्रयत्न करने में करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।