Ipc धारा २४५ : टकसाल (सिक्कों का ढलाई का स्थान) से सिक्का बनाने का उपकरण विधिविरुद्ध रुप से लेना :

भारतीय दण्ड संहिता १८६०
धारा २४५ :
टकसाल (सिक्कों का ढलाई का स्थान) से सिक्का बनाने का उपकरण विधिविरुद्ध रुप से लेना :
(See section 188 of BNS 2023)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : टकसाल से सिक्का बनाने का उपकरण विधिविरुद्ध रुप से लेना ।
दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई १.(भारत) में विधिपूर्वक स्थापित किसी टकसाल में से सिक्का बनाने के किसी औजार या उपकरण को विधिपूर्ण प्राधिकार के बिना बाहर निकाल लाएगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।
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१. ब्रिटिश भारत शब्द अनुक्रमश: भारतीय स्वतंत्रता (केन्द्रीय अधिनियम तथा अध्यादेश अनुकूलन) आदेश १९४८, विधि अनुकूलन आदेश १९५० और १९५१ के अधिनियम सं० ३ को धारा ३ और अनुसूची द्वारा प्रतिस्थापित किए गए है ।

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