स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५
धारा २७ :
१.( किसी स्वापक ओषधि या मन:प्रभावी पदार्थ के उपभोग के लिए दंड :
जो कोई, किसी स्वापक ओषधि या मन:प्रभावी पदार्थ का उपभोग करेगा, वह, –
क) जहां ऐसी स्वापक ओषधि या मन:प्रभावी पदार्थ, जिसका उपभोग किया गया है, कोकेन, मार्फिन, डाइऐसीटल मार्फिन या ऐसी कोई अन्य स्वापक ओषधि या ऐसा कोई मन:प्रभावी पदार्थ है, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, इस निमित्त विनिर्दिष्ट किया जाए, वहां, कठोर कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो बीस हजार रुपए तक का हो सकेगा, अथवा दोनों से; और
ख) जहां ऐसी स्वापक ओषधि या मन:प्रभावी पदार्थ का उपभोग किया गया है, जो खंड (क) में विनिदिष्ट ओषधि या पदार्थ से भिन्न है वहां, कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो दस हजार रुपए तक का हो सकेगा, अथवा दोनों से,
दंडनीय होगा ।)
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१.२००१ के अधिनियम सं. ९ की धारा १० द्वारा प्रतिस्थापित ।
