Fssai धारा ९४ : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम २००६
धारा ९४ :
राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
१) राज्य सरकार, केन्द्रीय सरकार और खाद्य प्राधिकारी की क्रमशः नियम और विनियम बनाने की शक्ति के अधीन रहते हुए, पूर्व प्रकाशन के पश्चात् और खाद्य प्राधिकारी के पूर्व अनुमोदन से इस अधिनियम और तद्धीन बनाए गए नियमों और विनियमों के अधीन राज्य सरकार और राज्य खाद्य सुरक्षा आयुक्त को समनुदेशित कृत्यों और कर्तव्यों के कार्यान्वयन के लिए नियम राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, बना सकेगी।
२) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ऐसे नियम निम्नलिखित सभी या किन्हीं विषयों के लिए उपबंध कर सकेंगे, अर्थात्:-
(a) क) धारा ३० की उपधारा (२) के खंड (f) (च) के अधीन खाद्य सुरक्षा आयुक्त के अन्य कृत्य;
(b) ख) निधि निश्चित करना और वह रीति जिसमें धारा ९५ के अधीन अपराध का पता लगाने या अपराधी को पकड़ने में सहायता देने के लिए किसी व्यक्ति को पुरस्कार दिया जाएगा; और
(c) ग) कोई अन्य विषय जो राज्य सरकार द्वारा विहित किया जाना अपेक्षित है या विहित किया जाए या जिसकी बाबत नियमों द्वारा उपबंध किया जाना है।
३) इस अधिनियम के अधीन राज्य सरकार द्वारा बनाया गया प्रत्येक नियम बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र, जहां दो सदन हों, राज्य विधान-मंडल के प्रत्येक सदन के समक्ष, या जहां राज्य विधान मंडल एक सदन वाला हो वहां उस सदन के समक्ष रखा जाएगा।

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