IT Act 2000 धारा ८७ : केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम २०००
धारा ८७ :
केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
१)केन्द्रीय सरकार, इस अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए राजपत्र और इलेक्ट्रॉनिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियम बना सकेगी ।
२)विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे नियमों में निम्नलिखित सभी या किन्हीं विषयों के लिए उपबंध किया जा सकेगा, अर्थात् :-
(a)१.(क) धारा ३ क की उपधारा (२) के अधीन इलेक्ट्रॉनिक चिन्हक या इलेक्ट्रॉनिक अधिप्रमाणन तकनीक की विश्वसनीयता पर विचार करने के लिए शर्ते :
(aa)कक) धारा ३क की उपधारा (३) के अधीन इलेक्ट्रॉनिक चिन्हक या अधिप्रमाणन को अभिनिश्चित करने की प्रक्रिया ;
(ab)कख) वह रीति, जिसमें धारा ५ के अधीन इलेक्ट्रॉनिक चिन्हक द्वारा किसी सूचना या सामग्री को अधिप्रमाणित किया जा सकेगा )
(b)ख) वह इलेक्ट्रॉनिक रूप, जिसमें धारा ६ की उपधारा (१) के अधीन फाइल करने, जारी करने, अनुदान, या संदाय का कार्य किया जाएगा;
(c)ग) धारा ६ की उपधारा (२) के अधीन वह रीति और रूपविधान, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख फाइल किया जाएगा या जारी किया जाएगा और संदाय करने को ढंग ;
(ca)२.(गक) वह रीति, जिसमें धारा ६ क की उपधारा (२) के अधीन प्राधिकृत सेवा प्रदाता, सेवा प्रभार संगृहीत, प्रतिधारित और विनियोजित कर सकेगा; )
(d)घ)धारा १० के अधीन ३.(इलेक्ट्रॉनिक चिन्हक) की किस्म से संबंधित विषय, वह रीति और रूपविधान, जिसमें इसे लगाया जाएगा;
(e)१.(ङ) धारा १५ के अधीन इलेक्ट्रॉनिक चिन्हक सृजन डाटा भंडारित करने और उसे लगाने की रीति;
(ea)ङक) धारा १६ के अधीन सुरक्षा प्रक्रिया और पध्दति; )
(f)च) धारा १७ के अधीन नियंत्रक, उपनियंत्रकों १.(सहायक नियंत्रकों, अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों) की अर्हताएं अनुभव और उनकी सेवा के निबंधन और शर्तें;
(g)४.(***)
(h)ज) धारा २१ की उपधारा (२) के अधीन आवेदक द्वारा पूरी की जाने वाली अपेक्षाएं;
(i)झ) धारा २१ की उपधारा (३) के खंड (क) के अधीन अनुदत्त अनुज्ञप्ति की विधिमान्यता की अवधि;
(j)ञ) वह प्ररूप, जिसमें धारा २२ की उपधारा (१) के अधीन अनुज्ञप्ति के लिए आवेदन किया जा सकेगा ;
(k)ट) धारा २२ की उपधारा (२) के खंड (ग) के अधीन संदेय फीसों की रकम;
(l)ठ) ऐसे अन्य दस्तावेज, जो धारा २२ की उपधारा (२) के खंड (घ) के अधीन अनुज्ञप्ति के लिए आवेदन के साथ लगाए जाएंगे ;
(m)ड) धारा २३ के अधीन अनुज्ञप्ति के नवीकरण के लिए प्ररूप और उसके लिए संदेय फीस;
(ma)२.(डक) धारा ३५ के अधीन इलेक्ट्रॉनिक चिन्हक प्रमाणपत्र जारी करने के लिए आवेदन का प्ररूप और फीस 😉
(n)ढ) वह प्ररूप, जिसमें धारा ३५ की उपधारा (१) के अधीन ३.(इलेक्ट्रॉनिक चिन्हक) प्रमाणपत्र जारी किए जाने के लिए आवेदन किया जा सकेगा;
(o)ण) धारा ३५ की उपधारा (२) के अधीन ३.(इलेक्ट्रॉनिक चिन्हक) प्रमाणपत्र जारी किए जाने लिए प्रमाणकर्ता प्राधिकारी को संदाय की जाने वाली फीस;
(oa)२.(णक) धारा ४०क के अधीन उपयोगकर्ताओं के कर्तव्य ;
(ob)णख) धारा ४३क के अधीन युक्तियुक्त सुरक्षा पध्दति और प्रक्रियाएं तथा संवेदनशील वैयक्तिक डाटा या सूचना );
(p)त)वह रीति, जिसमें धारा ४६ की उपधारा (१) के अधीन न्यायनिर्णायक अधिकारी जांच करेगा ;
(q)थ) वह अर्हता और अनुभव, जो धारा ४६ की उपधारा (३) के अधीन न्यायनिर्णायक अधिकारी के पास होगा;
(r)(s)(t)५.(***)
(u)प) वह प्ररूप, जिसमें धारा ५७ की उपधारा (३) के अधीन अपील फाइल की जा सकेगी और उसके लिए फीस;
(v)फ) सिविल न्यायालय की कोई अन्य शक्ति, जिसका धारा ५८ की उपधारा (२) के खंड (छ) के अधीन विहित किया जाना अपेक्षित है; और
(w)१.(ब) धारा ५२क के अधीन ६.(अपील अधिकरण) के अध्यक्ष की शक्तियां और कृत्य;
(x)भ) धारा ६७ ग के अधीन प्रतिधारित और परिरक्षित की जाने वाली सूचना, अवधि, रीति और ऐसी सूचना का प्ररूप;
(y)म) धारा ६९ की उपधारा (२) के अधीन अंतररोधन, मानीटरी या विगूढन के लिए प्रक्रियाएं और रक्षोपाय;
(z)य) धारा ६९क की उपधारा (२) के अधीन जनता की पहुंच का अवरोधन करने की प्रक्रिया और रक्षोपाय;
(za)यक)धारा ६९ख की उपधारा (३) के अधीन ट्रॅफिक आंकडे या सूचना की मानीटरी करने और उन्हें एकत्रित करने की प्रक्रिया और रक्षोपाय;
(zb)यख) धारा ७० के अधीन संरक्षित प्रणाली के लिए सूचना सुरक्षा पध्दति और प्रक्रियाएं ;
(zc)यग)धारा ७०क की उपधारा (३) के अधीन अभिकरण के कृत्यों औ कर्तव्यों के पालन की रीति;
(zd)यघ) धारा ७०ख की उपधारा (२) के अधीन अधिकारी और कर्मचारी ;
(ze)यड) धारा ७०ख की उपधारा (३) के अधीन महानिदेशक और अन्य अधिकारियों तथा कर्मचारियों के वेतन और भत्ते तथा उनकी सेवा के निबंधन और शर्ते ;
(zf)यच) वह रीति, जिसमें धारा ७०क की उपधारा (५) के अधीन अभिकरण के कृत्यों और कर्तव्यों का पालन किया जाएगा ;
(zg)यछ) धारा ७९ की उपधारा (२) के अधीन मध्यवर्तियों द्वारा अनुपालन किए जाने वाले मार्गदर्शक सिध्दांत;
(zh)यज) धारा ८४क के अधीन विगूढन का ढंग या पध्दति ।
३) १.(धारा ७०क की उपधारा (१) के अधीन केन्द्रीय सरकार द्वारा निकाली गई प्रत्येक अधिसूचना और उसके द्वारा बनाया गया प्रत्येक नियम ) उसके निकाले जाने या बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र, संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष, जब वह सत्र में हो कुल तीस दिन की अवधि के लिए रखी जाएगी/ रखा जाएगा । यह अवधि एक सत्र में अथवा दो या अधिक आनुक्रमिक सत्रों में पूरी हो सकेगी । यदि उस सत्र के या पूर्वाक्त आनुक्रमिक सत्रों के ठीक बाद के सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन उस ४.(***) नियम में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जाएं तो तत्पश्चात् वह ऐसे परिवर्तित रूप में ही प्रभावी होगी/ होगा । यदि उक्त अवसान के पूर्व दोनों सदन सहमत हो जाएं कि वह अधिसूचन नहीं निकाली जानी चाहिए या नियम नहीं बनाया जाना चाहिए तो तत्पश्चात् वह निष्प्रभाव हो जाएगी / जाएगा । किंतु उक्त ४.(***) नियम के ऐसे परिवर्तित या निष्प्रभाव होने से उसके अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पडेगा ।
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१. २००९ के अधिनियम सं. १० की धारा ४६ द्वारा प्रतिस्थापित ।
२. २००९ के अधिनियम सं. १० की धारा ४६ द्वारा अंत:स्थापित ।
३. २००९ के अधिनियम सं. १० की धारा २ द्वारा प्रतिस्थापित ।
४. २००९ के अधिनियम सं. १० की धारा ४६ द्वारा लोप किया गया ।
५. २०१७ के अधिनियम सं. ७ की धारा १६९ द्वारा खंड (द), (ध), (न) का लोप किया गया ।
६. २०१७ के अधिनियम सं. ७ की धारा १६९ द्वारा प्रतिस्थापित ।

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