भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ३५२ :
लोक शांति भंग कराने को प्रकोपित करने के आशय से साशय अपमान :
धारा : ३५२
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : लोक-शांति भंग कराने को प्रकोपित करने के आशय से अपमान ।
दण्ड : दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अपमानित व्यक्ति ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी भी तरीके से किसी व्यक्ती को साशय अपमानित करेगा और तद्द्वारा उस व्यक्ती को इस आशय से, या यह संभाव्य जानते हुए, प्रकोपित (उत्तेजित) करेगा कि ऐसे प्रकोपन से वह लोक शांति भंग या कोई अन्य अपराध कारित करेगा, वह दानों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।