भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २८२ :
जलयान को उतावलेपन (असावधानी) से चलाना :
धारा : २८२
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी जलयान को ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से चलाना जिससे मानव जीवन संकटापन्न हो जाए, आदि ।
दण्ड : छह मास के लिए कारावास, या दस हजार रुपए का जुर्माना, या दोनों।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी जलयान को ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा (लापरवाही) से चलाएगा जिससे मानव जीवन संकटापन्न हो जाए या किसी अन्य व्यक्ती को उपहति या क्षति कारित हो या होना संभाव्य हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो दस हजार रुपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।