भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २५९ :
पकडने के लिए आबद्ध (बंधे हुए) लोक सेवक द्वारा पकडने का साशय लोप :
धारा : २५९ (क)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : अपराधी को पकडने के लिए विधि द्वारा आबद्ध लोक सेवक द्वारा उसे पकडने का साशय लोप, यदि अपराध मृत्यु से दंडनीय है ।
दण्ड : जुर्माने सहित या रहित सात वर्ष के लिए कारावास ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : इसके अनुसार कि ऐसा अपराध जिसकी बाबत लोप हुआ है संज्ञेय है या असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : २५९ (ख)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : यदि आजीवन कारावास या दस वर्ष के लिए कारावास से दंडनीय है ।
दण्ड : जुर्माने सहित या रहित तीन वर्ष के लिए कारावास ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : २५९ (ग)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : यदि दस वर्ष से कम के लिए कारावास से दंडनीय है ।
दण्ड : जुर्माने सहित या रहित दो वर्ष के लिए कारावास ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई ऐसा लोक सेवक होते हुए, जो किसी अपराध के लिए आरोपित या पकडे जाने के दायित्व के अधीन किसी व्यक्ति को पकडने या परिरोध में रखने के लिए लोक सेवक के नाते वैध रुप से आबद्ध है, ऐसे व्यक्ति को पकडने का साशय लोप करेगा या ऐसे परिरोध में से ऐसे व्यक्ति का निकल भागना साशय सहन करेगा या ऐसे व्यक्ति के निकल भागने में या निकल भागने के लिए प्रयत्न करने में साशय मदद करेगा, वह निम्नलिखित रुप से दंडित किया जाएगा, अर्थात् :-
क) यदि परिरुद्ध व्यक्ति या जो व्यक्ति पकडा जाना चाहिए था वह मृत्यु से दंडनीय अपराध के लिए आरोपित या पकडे जाने के दायित्व के अधीन हो, तो वह जुर्माने सहित या रहित दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, अथवा
ख) यदि परिरुद्ध व्यक्ति या जो पकडा जाना चाहिए था वह आजीवन कारावास या दस वर्ष तक की अवधि के कारावास से दंडनीय अपराध के लिए आरोपित या पकडे जाने के दायित्व के अधीन हो, तो वह जुर्माने सहित या रहित दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, अथवा
ग) यदि परिरुद्ध व्यक्ति या जो पकडा जाना चाहिए था वह दस वर्ष से कम की अवधि के लिए कारावास से दंडनीय अपराध के लिए आरोपित या पकडे जाने के दायित्व के अधीन हो, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से ।