किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा १०७ :
बाल कल्याण पुलिस अधिकारी और विशेष किशोर पुलिस एकक ।
१) प्रत्येक पुलिस स्टेशन में सहायक उपनिरीक्षक से अन्यून पंक्ति के कम से कम एक अधिकारी को, जिसके पास योग्यता, समुचित प्रशिक्षण और स्थिति ज्ञान हो, पुलिस, स्वैच्छिक और गैर-सरकारी संगठनों के समन्वय से अनन्य रुप से बालकों पर या तो पीडितों या अपराधियों के रुप में कार्रवाई करने के लिए, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी के रुप में अभिहित किया जा सकेगा ।
२) बालकों से संबंधित पुलिस के सभी कृत्यों समन्वय करने के लिए, राज्य सरकार प्रत्येक जिले और नगर में विशेष किशोर पुलिस एककों का गठन करेगी, जिनका प्रधान उप पुलिस अधीक्षक या उससे ऊपर के रैंक का पुलिस अधिकारी होगा और जिसेमं उपधारा (१) के अधीन अभिहित सभी पुलिस अधिकारी होंगे और बाल कल्याण के क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव रखने वाले दो सामाजिक कार्यकर्ता, जिनमें एक महिला होगी, होंगे ।
३) विशेष किशोर पुलिस एककों के सभी पुलिस अधिकारियों को, विशेषकर बाल कल्याण पुलिस अधिकारी के रुप में समावेश करने पर, विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन अधिक प्रभावी रुप से कर सकें ।
४) विशेष किशोर पुलिस एकक के अंतर्गत बालकों से संबंधित रेल पुलिस भी है ।