किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा १०५ :
किशोर न्याय निधि ।
१) राज्य सरकार, ऐसे नाम में, जो वह उचित समझे, बालकों के जिनकें संबंध में इस अधिनियम के अधीन कार्यवाही की जाती है, कल्याण और पुनर्वास के लिए एक निधि का सृजन कर सकेगी ।
२) निधि में ऐसे स्वैच्छिक संदानों, अभिदायों या अभिदानों का प्रत्यय किया जाएगा, जो किसी व्यष्टि या संगठन द्वारा किए जाएं ।
३) उपधारा (१) के अधीन सृजित निधि का प्रशासन इस अधिनियम को कार्यान्वित करने वाली राज्य सरकार के विभाग द्वारा ऐसी रीति में और ऐसे प्रयोजनों के लिए किया जाएगा, जो विहित किए जाएं ।