भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २२४ :
लोक सेवक को क्षति (नुकसान / हानी ) करने की धमकी :
धारा : २२४
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी पदीय कृत्य को करने या करने से प्रविरत रहने के लिए लोक सेवक को उत्प्रेरित करने के लिए लोक सेवक या उसको जिसमें वह हितबद्ध है क्षति करने की धमकी देना ।
दण्ड : दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
———
जो कोई किसी लोक सेवक को या ऐसे किसी व्यक्ति को जिससे उस लोक सेवक के हितबद्ध होने का उसे विश्वास हो, इस प्रयोजन से क्षति (नुकसान / हानी) की कोई धमकी देगा किस उस लोक सेवक को उत्प्रेरित किया जाए वह ऐसे लोक सेवक के कृत्यों के प्रयोग से संसक्त कोई कार्य करे, या कोई कार्य करने से प्रविरत रहे, या कोई कार्य करनें में विलंब करे, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सेकेगी, या जुर्माने से, या दानों से, दण्डित किया जाएगा ।