किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ७६ :
भीक मांगने के लिए बालक का नियोजन ।
१) जो कोई भीख मांगने के प्रयोजन के लिए बालक को नियोजित करता है या किसी बालक से भीख मंगवाएगा वह कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष की हो सकेगी और एक लाख रुपए के जुर्माने से भी दंडनीय होगा :
परन्तु यदि भीख मांगने के प्रयोजन के लिए व्यक्ति बालक का अंगोच्छेदन करता है या उसे विकलांग बनाता है तो वह कारावास से, जो सात वर्ष से कम का नहीं होगा, किंतु जो दस वर्ष तक का हो सकेगा और पांच लाख रुपए के जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।
२) जो कोर्स बालक का वास्तविक भारसाधन या उस पर नियंत्रण रखते हुए उपधारा (१) के अधीन किसी अपराध के कारित करने का दुष्प्रेरण करता है, वह उपधारा (१) में यथा उपबंधित दण्ड से, दंडनीय होगा और ऐसा व्यक्ति इस अधिनियम की धारा २ के खंड (१४) के उपखंड (पांच) के अधीन अयोग्य माना जाएगा :
परन्तु ऐसे बालक को किन्हीं भी परिस्थितियों में विधि का उल्लंघन करने वाला नहीं माना जाएगा और उसे ऐसे संरक्षक या अभिरक्षक के भारसाधन या नियंत्रण से हटा लिए जाएगा और समुचित पुनर्वास के लिए समिति के समक्ष पेश किया जाएगा ।