किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ६६ :
दत्तक ग्रहण अभिकरणों के रुप में रजिस्ट्रीकृत न की गई संस्थाओं में निवास करने वाले बालकों का दत्तक ग्रहण ।
१) इस अधिनियम के अधीन रजिस्ट्रीकृत सभी संस्थाएं, जिन्हें विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण के रुप में मान्यता प्रदान न की गई हो, यह भी सुनिश्चित करेंगी कि उनकी देखरेख में के सभी अनाथ या परित्यक्त या अभ्यर्पित बालक, समिति द्वारा धारा ३८ के उपबंधो के अनुसार रिपोर्ट किए गए, पेश किए गए और दत्तक ग्रहण के लिए विधिक रुप से मुक्त घोषित किए गए है ।
२) उपधारा (१) में निर्दिष्ट सभी संस्थाएं निकट के विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण से औपचारिक संबंध रखेंगी और ऐसे दत्तक ग्रहण के लिए विधिक रुप से मुक्त घोषित किए गए बालकों के सभी सुसंगत अभिलेखों सहित ब्यौरे, बालकों को दत्तक ग्रहण में रखने के लिए ऐसी रीति में, जो विहित की जाएं, उस विशिष्ट दत्तक ग्रहण अभिकरण को देगी ।
३) यदि ऐसी कोई संस्था उपधारा (१) या उपधारा (२) के उपबंधों का उल्लंघन करती है तो वह प्रत्येक बार के लिए रजिस्ट्रीकृत प्राधिकारी द्वारा अधिरोपित पचास हजार रुपए, के जुर्माने के दायित्वाधीन होगी और ऐसे उपबंधों के निरंतर अवज्ञा की दशा में उसकी मान्यता भी समाप्त हो सकेगी ।