किशोर न्याय अधिनियम २०१५
अध्याय ७ :
पुनर्वास और समाज में पुन: मिलाना :
धारा ३९ :
पुनर्वास और समाज में पुन : मिलाने की प्रक्रिया ।
१) इस अधिनियम के अधीन बालकों के पुनर्वास और समाज में मिलाने की प्रक्रिया का जिम्म बालक की व्यष्टिक देखरेख योजना के आधार पर अधिमानत: कुटुंब आधारित देखरेख के माध्यम से, जैसे पर्यवेक्षण या प्रवर्तकता या दत्तक ग्रहण या पोषण देखरेख के साथ या उसके बिना कुटुंब या संरक्षक को प्रत्यावर्तन द्वारा किया जाएगा :
परन्तु संस्थागत या गैर-संस्थागत देखरेख में रखे सहोदरों को तब तक एक साथ रखने का प्रयास किया जाएगा जब तक कि उनको एक साथ जाना उनके सर्वोत्तम हित में हो ।
२) विधि का उल्लंघन करने वाले बालकों के लिए, पुनर्वास और समाज में मिलाने की प्रक्रिया का जिम्मा, यदि बालक को जमानत पर नहीं छोडा जाता है तो संप्रेक्षण गृहों में या यदि बोर्ड के आदेश द्वारा उन्हें वहां रखा है तो विशेष गृहों में या सुरक्षित स्थानों में या उचित सुविधा तंत्र या किसी योग्य व्यक्ति के साथ रखकर लिया जाएगा ।
३) देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले ऐसे बालक, जो किसी कारण से कुटुंब के साथ नहीं रखे गए है, इस अधिनियम के अधीन ऐसे बालकों के लिए रजिस्ट्रीकृत किसी संस्था में या किसी योग्य व्यक्ति के साथ या उपयुक्त सुविधा तंत्र में अस्थायी या दीर्घकालिक आधार पर रखे जा सकेंगे और जहां कहीं बालक को इस प्रकार रखा जाता है वहां पुनर्वास और समाज में मिलाने की प्रक्रिया का जिम्मा लिया जाएगा ।
४) देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले ऐसे बालकों को, जो संस्थागत देखरेख को छोड रहे हैं या विधि का उल्लंघन करने वाले ऐसे बालकों को, जो अठारह वर्ष की आयु प्राप्त करने पर विशेष गृहों या सुरक्षित स्थान को छोड रहे है, समाज की मुख्य धारा में पुन: लाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए धारा ४६ के अधीन यथाविनिर्दिष्ट वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकेगी ।