किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा २१ :
आदेश, जो विधि का उल्लंघन करने वाले बालक के विरुद्ध पारित न किया जा सकेगा ।
विधि का उल्लंघन करने वाले किसी बालक को इस अधिनियम के उपबंधो के अधीन या भारतीय दंड संहिता (१८६० का ४५) या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के उपबंधो के अधीन ऐसे किसी अपराध के लिए छोडे जाने की संभावना के बिना मृत्यु या आजीवन कारावास का दंडादेश नहीं दिया जाएगा ।