किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा १४ :
विधि का उल्लंघन करने वाले बालक के बारे में बोर्ड द्वारा जांच ।
१) जहां विधि का उल्लंघन करने वाला अभिकथित बालक, बोर्ड के समक्ष पेश किया जाता है, वहां बोर्ड इस अधिनियम के उपबंधों के अनुसार जांच करेगा और ऐसे बालक के संबंध में ऐसा आदेश पारित कर सकेगा जो वह इस अधिनियम की धारा १७ और धारा १८ के अधीन ठीक समझे ।
२) इस धारा के अधीन कोई जांच, बोर्ड के समक्ष बालक को पहली बार पेश किए जाने की तारीख से चार मास की अवधि के भीतर, जब तक कि बोर्ड द्वारा, मामले की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और ऐसे विस्तारण के लिए लिखित में कारण लेखबद्ध करने के पश्चात् दो और मास की अधिकतम अवधि के लिए उक्त अवधि विस्तारित नहीं की गई हो, पूरी की जाएगी ।
३) बोर्ड द्वारा, धारा १५ के अधीन जघन्य अपराधों की दशा में प्रारंभिक निर्धारण, बोर्ड के समक्ष बालक को पहली बार पेश किए जाने की तारीख से तीन मास की अवधि के भीतर पूरा किया जाएगा ।
४) यदि बोर्ड द्वारा, छोटे अपराधों के लिए उपधारा (२) के अधीन जांच, विस्तारित अवधि के पश्चात् भी अनिर्णायक रहती है तो कार्यवाहियां समाप्त हो जाएगी :
परंतु घोर या जघन्य अपराधों के लिए यदि बोर्ड, जांच पूरी करने के लिए समय और बढाने की अपेक्षा करता है तो, यथास्थिति, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट या मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट लिखित में लेखबद्ध किए जाने वाले कारणों से उसे प्रदान करेगा ।
५) बोर्ड, निष्पक्ष और त्वरित जांच सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित उपाय करेगा, अर्थात् :-
क) जांच प्रारंभ करते समय बोर्ड अपना यह समाधान करेगा कि विधि का उल्लंघन करने वाले बालक से पुलिस द्वारा या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा, जिसके अंतर्गत वकील या परिवीक्षा अधिकारी भी है, कोई दुव्र्यवहार न किया गया हो और वह ऐसे दुव्र्यवहार के मामले में सुधारात्मक उपार करेगा;
ख) इस अधिनियम के अधीन सभी मामलों में, कार्यवाहियां यथासंभव साधारण रीति से की जाएंगी और यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानी बरती जाएगी कि एसे बालक को, जिसके विरुद्ध कार्यवाहीयां आरंभ की गई है, कार्यवाहियों के दौरान बाल हितैषी वातावरण उपलब्ध करवाया जाए;
ग) बोर्ड के समक्ष लाए गए प्रत्येक बालक को जांच में सुनवाई का और भाग लेने का अवसर प्रदान किया जाएगा ;
घ) छोटे अपराधों वाले मामलों का निपटारा बोर्ड द्वारा, दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) के अधीन विहित प्रक्रिया के अनुसार बोर्ड द्वारा संक्षिप्त कार्यवाहियों के माध्यम से किया जाएगा;
ङ) बोर्ड द्वारा घोर अपराधों वाले मामलों का निपटारा बोर्ड द्वारा, दंड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) के अधीन समन मामलों का विचारण की प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए किया जाएगा;
च) (एक) अपराध किए जाने की तारीख को सोलह वर्ष से कम आयु के बालक के संबंध में जघन्य अपराधों की जांच बोर्ड द्वारा खंड (ङ) के अधीन निपटाई जाएगी;
दो) अपराध किए जाने की तारीख को सोलह वर्ष से अधिक आयु के बालक के संबंध में धारा १५ के अधीन विहित रीति से की जाएगी ।