किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ६ :
उस व्यक्ति का स्थानन, जिसने अपराध तब किया था जब वह व्यक्ति अठारह वर्ष से कम आयु का था ।
१) ऐसा कोई व्यक्ति, जिसने अठारह वर्ष की आयु पूरी कर ली है और उसे उस समय जब वह अठारह वर्ष की आयु से नीचे का था, किसी अपराध को करने के लिए गिरफ्तार किया जाता है तो उस व्यक्ति को इस धारा के उपबंधों के अधीन रहते हुए जांच की प्रक्रिया के दौरान बालक समझा जाएगा ।
२) उपधारा (१) में निर्दिष्ट व्यक्ति, यदि उसे बोर्ड द्वारा जमानत पर छोडा नहीं जाता है, जांच की प्रक्रिया के दौरान सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा ।
३) उपधारा (१) में निर्दिष्ट व्यक्ति को इस अधिनियम के उपबंधों के अधीन विनिर्दिष्ट प्रक्रिया के अनुसार माना जाएगा ।