किशोर न्याय अधिनियम २०१५
धारा ५ :
उस व्यक्ति का स्थानन, जो जांच की प्रक्रिया के दौरान बालक नहीं रह जाता है ।
जहां किसी बालक के संबंध में इस अधिनियम के अधीन जांच आरंभ कर दी गई है और ऐसी जांच के दौरान वह बालक अठारह वर्ष की आयु पूरी कर लेता है वहां, इस अधिनियम या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, बोर्ड द्वारा जांच जारी रखी जा सकेगी और उस व्यक्ति के विरुद्ध आदेश इस रुप में पारित किए जा सकेंगे मानो ऐसा व्यक्ति अभी भी बालक है ।