भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १६१ :
हमले का दुष्प्रेरण, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अपने वरिष्ठ ऑफिसर (अधिकारी) पर जबकि वह ऑफिसर अपने पद पर निष्पादन (पालन) में हो :
धारा : १६१
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : आफिसर, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा अपने वरिष्ठ आफिसर पर जब वह आफिसर अपने पद निष्पादन में हो, हमले का दुष्प्रेरण ।
दण्ड : तीन वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट
———
जो कोई भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायुसैना के किसी ऑफिसर, सैनिक, नौसैनिक या वायुसैनिक द्वारा किसी वरिष्ठ ऑफिसर (अधिकारी) पर, जबकि वह ऑफिसर अपने पद निष्पादन में हो, हमले का दुष्प्रेरण करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधी तीन वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।