भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १०८ :
आत्महत्या का दुष्प्रेरण :
धारा : १०८
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : आत्महत्या किए जाने का दुष्प्रेरण ।
दण्ड : दस वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
———
यदि कोई व्यक्ती आत्महत्या करे, तो जो कोई ऐसी आत्महत्या का दुष्प्रेरण करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।