भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ९९ :
वेश्यावृत्ति, आदि के प्रयोजन के लिए बालक को खरीदना :
धारा : ९९
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : वेश्यावृत्ति, आदि के प्रयोजन के लिए बालक को खरीदना या उसका कब्जा अभिप्राप्त करना ।
दण्ड : कम से कम ७ वर्ष का कारावास, किन्तु जो चौदा वर्ष तक का हो सकेगा और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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जो काई बालक को इस आशय से कि ऐसा बालक किसी आयु में भी वेश्यावृत्ति या किसी व्यक्ती से अयुक्त संभोग करने के लिए या किसी विधिविरुद्ध दुराचारिक प्रयोजन के लिए काम में लाया या उपयोग किया जाए, या यह संभाव्य जानते हुए कि ऐसा बालक किसी आयु में भी ऐसे किसी प्रयोजन के लिए काम में लाया जाएगा या उपयोग किया जाएगा, खरीदेगा, भाडे पर लेगा, या अन्यथा उसका कब्जा अभिप्राप्त करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि जो सात वर्ष से कम नहीं होगा, किन्तु चौदह वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
स्पष्टीकरण १ :
अठारह वर्ष से कम आयु की नारी को खरीदने वाली, भाडे पर लेने वाली या अन्यथा उसका कब्जा अभिप्राप्त करने वाली किसी वेश्या के या वेश्यागृह चलाने या उसका प्रबंध करने वाले किसी व्यक्ती के बारे मे, जब तक कि तत्प्रतिकूल साबित न कर दिया जाए, यह उपधारणा की जाएगी कि ऐसी नारी का कब्जा उसने इस आशय से अभिप्राप्त किया है कि वह वेश्यावृत्ति के प्रयोजनों के लिए उपयोग में लाई जाएगी ।
स्पष्टीकरण २ :
अयुक्त संभोग का वही अर्थ है, जो धारा ९८ में है ।