सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५
अनुसूची :
(धारा १७ देखिए) :
१. बिहार हरिजन (रिमूवल आफ सिविल डिसेबिलिटी) ऐक्ट, १९४९ (१९४९ का बिहार अधिनियम संख्यांक १९)।
२. बाम्बे हरिजन (रिमूवल आफ सोशल डिसेबिलिटी) ऐक्ट, १९४६ (१९४७ का मुंबई अधिनियम संख्यांक १)।
३. बाम्बे हरिजन टैम्पल एन्ट्री ऐक्ट, १९४७ (१९४७ का मुंबई अधिनियम संख्यांक ३५)।
४. सैंटड्ढल प्रोविन्सेज एण्ड बरार शैड्यूल्ड कास्ट्स (रिमूवल आफ सिविल डिसेबिलिटीज) ऐक्ट, १९४७ (१९४७ का मध्य प्रान्त और बरार अधिनियम संख्यांक २४)।
५. सैन्टड्ढल प्रोविन्स एण्ड बरार टैम्पल एन्ट्री आथोराइजेशन ऐक्ट, १९४७ (१९४७ का मध्य प्रान्त और बरार अधिनियम संख्यांक ४१)
६. ईस्ट पंजाब (रिमूवल आफ रिलिजस एण्ड सोशल डिसेबिलिटी) ऐक्ट, १९४८ (१९४८ का पूर्वी पंजाब अधिनियम संख्यांक १६)
७. मद्रास रिमूवल आफ सिविल डिसेबिलिटी ऐक्ट, १९३८ (१९३८ का मद्रास अधिनियम संख्यांक २१)।
८. उड़ीसा रिमूवल आफ सिविल डिसेबिलिटी ऐक्ट, १९४६ (१९४६ का उड़ीसा अधिनियम संख्यांक ११)।
९. उड़ीसा टैम्पल एन्ट्री आथोराइजेशन ऐक्ट, १९४८ (१९४८ का उड़ीसा अधिनियम संख्यांक ११)।
१०. यूनाइटेड प्रोविन्सेज रिमूवल आफ सोशल डिसेबिलिटी ऐक्ट, १९४७ (१९४७ का संयुक्त प्रांत अधिनियम संख्यांक १४)।
११. वेस्ट बंगाल हिन्दू सोशल डिसेबिलिटी रिमूवल ऐक्ट, १९४८ (१९४८ का पश्चिमी बंगाल अधिनियम संख्यांक ३७) ।
१२. हैदराबाद हरिजन टैम्पल एन्ट्री रेग्यूलेशन, १३५८ (१३५८ फसली का अधिनियम संख्यांक ५५)।
१३. हैदराबाद हरिजन (रिमूवल आफ सोशल डिसेबिलिटी) रेग्यूलेशन, १३५८ एफ० (१३५८ फसली का अधिनियम संख्यांक ५६)।
१४. मध्य भारत हरिजन अयोग्यता निवारण विधान, संवत २००५ (१९४९ का मध्य भारत अधिनियम संख्यांक १५) ।
१५. रिमूवल आफ सिविल डिसेबिलिटी ऐक्ट, १९४३ (१९४३ का मैसूर अधिनियम संख्यांक ४२)।
१६. मैसूर टैम्पल ऐंटड्ढी आथोराइजेशन ऐक्ट, १९४८ (१९४८ का मैसूर अधिनियम संख्यांक १४)।
१७. सौराष्ट्र हरिजन (रिमूवल आफ सोशल डिसेबिलिटी) आर्डिनेन्स (१९४८ का संख्यांक ४०)।
१८. ट्रावनकोर-कोचीन रिमूवल आफ सोशल डिसेबिलिटी ऐक्ट, ११२५ के (११२५ का ट्रावनकोर-कोचीन अधिनियम संख्यांक ३)।
१९. ट्रावनकोर-कोचीन टैम्पल एन्ट्री (रिमूवल आफ डिसेबिलिटी) ऐक्ट, १९५०१९५० का ट्रावनकोर-कोचीन अधिनियम संख्यांक २७)।
२०. कुर्ग शेड्यूल्ड (रिमूवल आफ सिविल एन्ड सोशल डिसेबिलिटीज) ऐक्ट, १९४९ (१९४९ का कुर्ग अधिनियम संख्यांक।)
२१. कुर्ग टैम्पल एट्री आथोराइजेशन ऐक्ट, १९४९ (१९४९ का कुडुगू अधिनियम संख्यांक २) ।