विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६
धारा १४ग :
१.(दुष्प्रेरण के लिए शास्ति :
जो कोई धारा १४ या धारा १४क या धारा १४ख के अधीन दण्डनीय किसी अपराध का दुष्प्रेरण करता है यदि दुष्प्रेरित कार्य, दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप किया जाता है तो वह उस दण्ड से दण्डित किया जाएगा जो उस अपराध के लिए उपबन्धित है।
स्पष्टीकरण :
इस धारा के प्रयोजनों के लिए-
एक) कोई कार्य या अपराध दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप किया गया तब कहा जाता है जब वह उस उकसाहट के परिणामस्वरूप या उस षड्यंत्र के अनुसरण में या उस सहायता से किया जाता है, जिससे अपराध गठित होता है;
दो) दुष्प्रेरण पद का वही अर्थ होगा, जो उसका भारतीय दंड संहिता (१८६० का ४५) की धारा १०७ में है।)
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१. २००४ के अधिनियम सं० १६ की धारा २ द्वारा धारा १४ प्रतिस्थापित।
