धारा ७ : होटल के चलाने वालों और अन्य व्यक्तियों को विशिष्टियां देने की बाध्यता :

विदेशियों विषयक अधिनियम १९४६
धारा ७ :
होटल के चलाने वालों और अन्य व्यक्तियों को विशिष्टियां देने की बाध्यता :
१) किसी ऐसे परिसर को चाहे वह सुसज्जित हो या असुसज्जित, जहां पारिश्रमिक के लिए निवास और शयन की व्यवस्था की जाती है, चलाने वाले का यह कर्तव्य होगा कि वह ऐसे परिसरों में उन विदेशियों की बाबत जिन्हें स्थान दिया गया है, ऐसे सूचना ऐसे व्यक्ति को ऐसी रीति से देगा जो विहित की जाए।
स्पष्टीकरण :
इस उपधारा में निर्दिष्ट सूचना ऐसे सभी या किन्हीं विदेशियों से संबंधित हो सकती है जिन्हें ऐसे परिसरों में स्थान दिया गया है और कालिकत: या किसी विनिर्दिष्ट समय या अवसर पर प्रस्तुत किए जाने के लिए अपेक्षा की जा सकती है ।
२) ऐसे परिसरों में ऐसा प्रत्येक व्यक्ति, जिसे स्थान दिया गया है, उसके चलाने वाले को एक विवरणी देगा जिसमें ऐसी विशिष्टियां होंगी जो उपधारा (१) में निर्दिष्ट सूचना देने के प्रयोजन के लिए चलाने वाला अपेक्षा करे ।
३) प्रत्येक ऐसे परिसर को चलाने वाला, उपधारा (१) के अधीन अपने द्वारा दी गई सूचना तथा उपधारा (२) के अधीन अपने द्वारा दी गई सूचना तथा उपधारा (२) के अधीन अपने द्वारा अभिप्राप्त सूचना का अभिलेख रखेगा और ऐसा अभिलेख ऐसी रीति से रख जाएगा और ऐसी कालावधि तक परिरक्षित होगा जो विहित की जाए तथा किसी पुलिस अधिकारी या इस निमित्त जिला मजिस्ट्रेट द्वारा प्राधिकृत किसी अन्य व्यक्ति के निरीक्षण के लिए हर समय खुला रहेगा।
१.(४) यदि इस निमित्त विहित किसी क्षेत्र में विहित प्राधिकारी, ऐसी रीति से प्रकाशित सूचना द्वारा जो प्राधिकारी की राय में ऐसे संपृक्त व्यक्तियों को सूचित करने के लिए सर्वाधिक अनुकूलित है ऐसा निदेश देता है तो किसी ऐसे आवासिक परिसरों को अधिभोग में या अपने नियंत्रणाधीन रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति का यह कर्तव्य होगा कि वह ऐसे व्यक्ति को जिन्हें ऐसे परिसरों में स्थान दिया गया है उन विदेशियों की बाबत ऐसी रीति से ऐसी सूचना प्रस्तुत करे जो विनिर्दिष्ट की जाए और उपधारा (२) के उपबन्ध प्रत्येक ऐसे व्यक्ति को लागू होंगे जिसे ऐसे परिसर में स्थान दिया गया है।)
———
१. १९४७ के अधिनियम सं० ३८ की धारा ६ द्वारा अन्त:स्थापित।

Leave a Reply