Site icon Ajinkya Innovations

SCST Act 1989 धारा १४-क : अपीलें ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९
धारा १४-क :
१.(अपीलें ।
१) दंड प्रक्रिया संहिता १९७३ में किसी बात के होते हुए भी, किसी विशेष न्यायालय या किसी अनन्य विशेष न्यायालय के किसी निर्णय, दंडादेश या आदेश जो अंतवर्ती आदेश नहीं है, के विरुद्ध अपील तथ्यों और विधि दोनों के संबंध में, उच्च न्यायालय में होगी ।
२) दंड प्रक्रिया संहिता १९७३ की धारा ३७८ की उपधारा (३) में किसी बात के होते हुए भी, विशेष न्यायालय या अनन्य विशेष न्यायालय के जमानत मंजूर करने या नामंजूर करने के किसी आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय में होगी ।
३) तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में किसी बात के होते हुए भी, इस धारा के अधीन प्रत्येक अपील, ऐसे निर्णय, दंडादेश या आदेश से, जिससे अपील की गई है, नब्बे दिन के भीतर की जाएगी :
परन्तु उच्च न्यायालय, नब्बे दिन की उक्त अवधि की समाप्ति के पश्चात ऐसी अपील को ग्रहण कर सकेगा यदि उसका समाधान हो जाता है कि अपीलार्थी के पास नब्बे दिन के भीतर अपील नहीं करने का पर्याप्त कारण था :
परन्तु यह और कि कोई अपील एक सौ अस्सी दिन की अवधि की समाप्ति के पश्चात ग्रहण नहीं की जाएगी ।
४) उपधारा (१) में की गई प्रत्येक अपील को निपटारा, यथासंभव, अपील ग्रहण करने की तारीख से तीन मास की अवधि के भीतर होगा ।)
————
१.२०१६ के अधिनियम संख्या १ की धारा ९ द्वारा जोडा गया ।(२६-१-२०१६ से प्रभावी)।

Exit mobile version