SCST Act 1989 धारा २१ : अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का सरकार का कर्तव्य ।

अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९
धारा २१ :
अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का सरकार का कर्तव्य ।
१) राज्य सरकार, ऐसे नियमों के अधीन रहते हुए, जो केन्द्रीय सरकार इस निमित्त बनाए, इस अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ऐसे उपाय करेगी जो आवश्यक हो ।
२) विशिष्टतया और पूर्वगामी उपबंधो की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे उपायों के अंतर्गत निम्नलिखित हो सकेगा, –
एक) ऐसे व्यक्तियों को, जिन पर अत्याचार हुआ है, न्याया प्राप्त करने में बनाने के लिए पर्याप्त सुविधाओं की, जिनके अंतर्गत विधिक सहायता भी है, व्यवस्था;
दो) इस अधिनियम के अधीन अपराध के अन्वेषण और विचारण के दौरान साक्षियों, जिनके अंतर्गत अत्याचार से पीडित व्यक्ति भी है, यात्रा और भरणपोषण के व्यय की व्यवस्था;
तीन) अत्याचारों से पीडित व्यक्तियों के आर्थिक और सामाजिक पुनरुद्वार की व्यसस्था;
चार) इस अधिनियम के उपबंधों के उल्लंघन के लिए अभियोजन प्रारम्भ करने या उनका पर्यवेक्षण करने के लिए अधिकारियों की नियुक्ति;
पांच) ऐसे समुचित स्तरों पर, जो राज्य सरकार ऐसे उपायों की रचना या उनके क्रियान्वयन के लिए उस सरकार की सहायता करने के लिए ठिक समझे, समितियों की स्थापना करना;
छह) इस अधिनियम के उपबंधों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए उपायों का सुझाव देने की दृष्टि से इस अधिनियम के उपबन्धोें के कार्यकरण का समय-समय पर सर्वेक्षण करने की व्यवस्था;
सांत) उन क्षेत्रों की पहचान करना जहां अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों पर अत्याचार होने की संभावना है और ऐसे उपाय करना जिससे ऐसे सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके ।
३) केन्द्रीय सरकार ऐसे उपाय करेगी जो उपधारा (१) के अधीन राज्य सरकारों द्वारा किए गए उपायों में समन्वय करने के लिए आवश्यक हों ।
४) केन्द्रीय सरकार, प्रत्येक वर्ष, संसद के प्रत्येक सदन के पटल पर इस धारा के उपबंधों के अनुसरण में स्वयं उसके द्वारा और राज्य सरकारों द्वारा किए गए उपायों के संबंध में एक रिपोर्ट रखेगी ।

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