अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९
धारा १५ :
१.(विशेष लोक अभियोजक और अनन्य लोक अभियोजक ।
१) राज्य सरकार, प्रत्येक विशेष न्यायालय के लिए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा एक लोक अभियोजक विनिर्दिष्ट करेगी या किसी ऐसे अधिवक को, जिसने कम से कम सात वर्ष तक अधिवक्ता के रुप में विधि-व्यवसाय किया हो, उस न्यायालय में मामलों के संचालन के प्रयोजन के लिए विशेष लोक अभियोजक के रुप में नियुक्ती करेगी ।
२) राज्य सरकार, प्रत्येक अनन्य विशेष न्यायालय के लिए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, अनन्य लोक अभियोजक को विनिर्दिष्ट करेगी या किसी ऐसे अधिवक्ता को, जिसने कम से कम सात वर्ष तक अधिवक्ता के रुप में विधि-व्यवसाय किया हो, उस न्यायालय में मामलों के संचालन के प्रयोजन के लिए अनन्य लोक अभियोजक के रुप में नियुक्त करेगा ।)
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१.२०१६ के अधिनियम संख्या १ की धारा १० द्वारा धारा (१५) के स्थान पर प्रतिस्थापित । (२६-१-२०१६ से प्रभावी)।