अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम १९८९
अध्याय ३ :
निष्कासन :
धारा १० :
ऐसे व्यक्ति को हटाया जाना जिसके द्वारा अपराध किए जाने की संभावना है ।
१) जहां विशेष न्यायालय का, परिवाद या पुलिस रिपोर्ट पर, यह समाधान हो जाताहै कि संभाव्यता है कि कोई व्यक्ति संविधान के अनुच्छेद २४४ १.(या धारा २१ की उपधारा (२) के खंड (सात) के उपबंधो के अधीन पहचान किए गए किसी क्षेत्र) में यथानिर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्रों या जनजाती क्षेत्रों में सम्मिलित किसी क्षेत्र में इस अधिनियम के अध्याय के अधीन कोई अपराध करेगा वहां वह लिखित आदेश द्वारा, ऐसे व्यक्ति को यह निदेश दे सकेगा कि वह ऐसे क्षेत्र की सीमाओं से परे, ऐसे मार्ग से होकर और इतने समय के भीतर हट जाए, जो आदेश में विनिर्दिष्ट किए जाएं, और २.(तीन वर्ष ) से अनधिक ऐसी अवधि के लिए जो आदेश में विनिर्दिष्ट की जाए, उस क्षेत्र में जिससे डट जाने का उसे निदेश दिया गया था, वापस न लौटे ।
२) विशेष न्यायालय, उपधारा (१) के अधीन आदेश के साथ उस उपधारा के अधीन निर्दिष्ट व्यक्ति को वे आधार संसूचित करेगा जिन पर वह आदेश किया गया है ।
३) विशेष न्यायालय, उस व्यक्ति द्वारा जिसके विरुद्ध ऐसा आदेश किया गया है, या उसकी और से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा आदेश की तारीख से तीस दिन के भीतर किए गए अभ्यावेदन पर ऐसे कारणों से जो लेखबद्ध किए जाएंगे उपधारा (१) के अधीन किए गए आदेश को प्रतिसंह्मत या उपान्तरित कर सकेगा ।
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१.२०१६ के अधिनियम संख्या १ की धारा ७ द्वारा जोडा गया ।(२६-१-२०१६ से प्रभावी)
२.२०१६ के अधिनियम संख्या १ की धारा ७ द्वारा (दो वर्ष ) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित । (२६-१-२०१६ से प्रभावी)।