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Rti act 2005 धारा २६ : समुचित सरकार द्वारा कार्यक्रम तैयार किया जाना :

सूचना का अधिकार अधिनियम २००५
धारा २६ :
समुचित सरकार द्वारा कार्यक्रम तैयार किया जाना :
१) समुचित सरकार, वित्तीय और अन्य संसाधनों की उपलब्धता की सीमा तक-
(a)क) जनता की, विशेष रुप से, उपेक्षित समुदायों की इस बारे में समझ की वृद्धि करने के लिए कि इस अधिनियम के अधीन अनुध्यात अधिकारों को प्रयोग कैसे किया जाए शैक्षिक कार्यक्रम बना सकेगी और आयोजित कर सकेगी ;
(b)ख) लोक प्राधिकारियों को, खंड (क) में निर्दिष्ट कार्यक्रमों को बनाने और उनके आयोजन में भाग लेने और ऐसे कार्यक्रमों का स्वयं जिम्मा लेने के प्रोत्साहित कर सकेगी ;
(c)ग) लोक प्राधिकारियों द्वारा उनके क्रियाकलापों के बारे में सही जानकारी का समय से और प्रभावी रुप में प्रसारित किए जाने को बढावा दे सकेगी ;
(d)घ) लोक प्राधिकरणों के, यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारियों या राज्य लाके सूचना अधिकारियों को प्रशिक्षित कर सकेगी और लोक प्राधिकरणों द्वारा स्वयं के उपयोग के लिए सुसंगत प्रशिक्षण सामग्रियों का उत्पादन कर सकेगी ।
२) समुचित सरकार, इस अधिनियम के प्रारंभ से अठारह मास के भीतर, अपनी राजभाषा में, सहज व्यापक रुप और रीति से ऐसी सूचना वाली एक मार्गदर्शिका संकलित करेगी, जिसकी ऐसे किसी व्यक्ति द्वारा युक्तियुक्त रुप में अपेक्षा की जाए, जो अधिनियम में विनिर्दिष्ट किसी अधिकार का प्रयोग करना चाहता है ।
३) समुचित सरकार, यदि आवश्यक हो तो, उपधारा (२) में निर्दिष्ट मार्गदर्शी सिद्धांतों को नियमित अंतरालों पर अद्यतन और प्रकाशित करेगी, जिनमें विशिष्टतया और उपधारा (२) की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना निम्नलिखित सम्मिलित होगा –
(a)क) इस अधिनियम के उद्देश्य ;
(b)ख) धारा ५ की उपधारा (१) के अधीन नियुक्त प्रत्येक लोक प्राधिकरण के, यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी का डाक और गली का पता, फोन और फैक्स नंबर और यदि उपलब्ध हो तो उसका इलेक्ट्रानिक डाक पता ;
(c)ग) वह रीति और प्ररुप, जिसमें, यथास्थिति, किसी केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी से किसी सूचना तक पहुंच का अनुरोध किया जाएगा ;
(d)घ) इस अधिनियम के अधीन लोक प्राधिकरण के, यथास्थिति, किसी केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी से उपलब्ध सहायता और उसके कर्तव्य;
(e)ङ) यथास्थिति, केन्द्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग से उपलब्ध सहायता;
(f)च) इस अधिनियम द्वारा प्रदत्त या अधिरोपित किसी अधिकार या कर्तव्य के संबंध में कोई कार्य करने या करने में असफल रहने के बारे में विधि में उपलब्ध सभी उपचार, जिनके अंतर्गत आयोग को अपील फाईल करने की रीति भी है;
(g)छ) धारा ४ के अनुसार अभिलेखों के प्रवर्गों के स्वैच्छिक प्रकटन के लिए प्रावधान करने वाले उपबंध;
(h)ज) किसी सूचना तक पहुंच के लिए अनुरोधों के संबंध में संदत्त की जाने वाली फीसों से संबंधित सूचनाएं; और
(i)झ) इस अधिनियम के अनुसार किसी सूचना तक पहुंच प्राप्त करने के संबंध में बनाए गए या जारी किए गए कोई अतिरिक्त विनियम या परिपत्र ।
४) समुचित सरकार को,यदि आवश्यक कहो, नियमित अंतरालों पर मार्गदर्शी सिद्धांतों को अद्यतन और प्रकाशित करना चाहिए ।

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